मोकाम - वाराणसी
उम्र - 74 वर्ष
प्रकाशित रचनाएं - १.सफ़ीना-ए-ग़ज़ल, २. लब्ज़-बा-लब्ज़, ३. मदनपुरा बनारस की अनसारी बिरादरी एवं अन्य।
हिन्दुस्तान की साझी संस्कृति की जीवंत नगरी काशी के वयो-वृद्ध शायर और कवि। आपकी रचनाओं में जीवन की रंगोली नजर आती है। आप भारत की भौगोलिक, सांस्कृति, ऐतिहासिक संपन्नता के गायक हैं। आपकी मूलभाषा उर्दू नवाब राय की तरह आम-फ़हम है। आपके छोटे अशआर में भी अर्थ की बेमिसाल गहराई छुपी होती है।
सार्थक प्रस्तुति.....
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस पर आप सब को मेरी और से हार्दिक शुभकामनाएं । देश को स्वतंत्र कराने मे सक्रिय भूमिका अदा करने वाले अनाम शहीदों को याद करने के साथ-साथ मैं उन फौजी परिवारों के लोगों को भी मैं अपनी सहानुभूति प्रकट करता हूँ , जिनके घर का बाप ,बेटा , भाई एवं पति आज की तिथि तक फौजी दस्तावेज में MISSING के रूप में दर्ज हैं।
जवाब देंहटाएंआज के दिन उन लोगों को भी याद करने का दिन है जो सीमा पर लड़ते रहे,पर लौट कर घर नही आए। इनके परिवार के लोगों के साथ मेरी पूरी सहानुभूति है। अपने उदगार को यह कहते हुए भावुक हो जाने के कारण अब इसे यही विराम देता हूँ-
" शहीदों की चिताओं पर लगेगें हर वरस मेले,
वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशाँ होगा "।
धन्यवाद।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
देश भक्ति की प्रेरणासपद कविता।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं
जवाब देंहटाएंनीरज
सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति. आभार. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.