रविवार, 14 फ़रवरी 2010

अच्छे मौक़े का इल्म

-- मनोज कुमार

कभी-कभी वक़्त हमसे बहुत आगे निकल जाता है और हम उसे तलाशते रह जाते हैं। आज एक ख़ास दिन है। जब सारे संसार में यह दिन एक विशेष अवसर के रूप में मनाया जा रहा है तो बात तो कुछ ख़ास होगी ही इस दिन में। इस अवसर पर एक कहानी सुनाने का मन कर रहा है। हमने किसी से सुनी थी। आपको सुनाता हूँ।
उस शहर की वह अगर सबसे नहीं तो एक बहुत ही ख़ूबसूरत लड़की तो थी ही। उसका सहपाठी बहुत ग़रीब था। पर दोनों में दोस्ती गहरी थी। सिर्फ़ दोस्ती। 14 फ़रवरी को उस लड़की का जन्म दिन पड़ता था। पिछले साल उसने अपना जन्म दिन उसी ग़रीब दोस्त के साथ मनाया था। एक ढाबे टाइप के रेस्तरां में कुछ मीठा खा कर। फिर वे पैदल अपने घर को लौट रहे थे तो रास्ते में एक गहनों की दूकान के आगे लड़की के क़दम रुक गये। ग़रीब दोस्त ने पूछा क्या हुआ ? तो उस लड़की ने बताया जब भी मैं इस दूकान के आगे से गुज़रती हूँ तो मेरी नज़र बरबस उस गहने पर टिक जाती है। और मैं सोचती हूँ मेरा वैलेंटाइन ... सच्चा प्रेमी .. किसी दिन आयेगा और उस गहने को मुझे पहनायेगा।
दूसरे दिन वह ग़रीब लड़का उस दूकान पर गया और उस गहने की क़ीमत पता किया। क़ीमत उसके बस के बाहर थी। शायद अपने को बेच भी देता तो उसे ख़रीद नहीं पाता!
आज .. एक साल बाद फिर से 14 फरवरी आ गई। वह ग़रीब लड़का हाथ में एक पैकेट लिये हुए घर से निकलता है। रास्ते में एक लाल गुलाब भी ख़रीदता है। और अपनी उस मित्र के घर पहुंचता है। उसकी दोस्त कहीं जाने के लिये तैयार दिखती है। पूछने पर बताती है कि मेरा एक ख़ास दोस्त आने वाला है। वह मुझे होटल ताज ले जा रहा है। मेरा स्पेशल जन्म दिन मनायेगा वह। ग़रीब लड़का वह पैकेट वहीं टेबुल पर रख देता है और हैप्पी बर्थ डे टू यू बोल कर लाल गुलाब छुपाते हुए वहां से निकल आता है। उसे पता भी नहीं चलता कि जब वह निकल रहा था तो कोई भीतर घुस रहा था।
जो भीतर प्रवेश करता है वह शहर के सबसे धनी व्यक्ति का पुत्र है और ख़ुद एक होस्पिटल और ब्लड बैंक का मालिक है। वह अपना क़ीमती तोहफ़ा उस लड़की को प्रज़ेंट करता है। फिर पूछता है वह जो लड़का अभी यहां से गया है वह कौन था और क्यों आया था? लड़की बताती है मेरे साथ पढता है और मुझे बर्थ डे विश करने आया था और यह गिफ़्ट दे गया है। धनी लड़का बोलता है ज़रा खोलो तो देखें क्या है? लड़की पैकेट खोलती है तो उसे पिछले साल का वक़या याद आ जाता है। उसमें वही हार होता है? उसके मुंह से निकलता है इतना क़ीमती हार वह कहां से लाया? इस पर धनी लड़का बोलता है मुझे मलूम है। वह पिछले एक साल से मेरे होस्पिटल में नाइट ड्यूटी कर रहा है... वार्ड की साफ़-सफ़ाई की ... और हर रविवार को अपना ख़ून भी बेचता रहा है। पर उसने पैसे कभी नहीं लिये। हमेशा बोलता था इसे अपने पास ही रखिये। एक ज़रूरी समान ख़रीदना है। अभी कल ही उसने सारे पैसे लिये थे। लगता है इसी गिफ़्ट को ख़रीदने के लिये वह पैसे जमा कर रहा था। लड़की उस ग़रीब लड़के को खोजने बाहर निकलती है पर वह बहुत दूर जा चुका होता है।सच है हमें तब तक किसी अच्छे मौक़े का इल्म नहीं होता जब तक वह हमारे हाथों से निकल नहीं जाता। आप मत निकल जाने दीजिए।

15 टिप्‍पणियां:

  1. Aapki yeh kahani bahut achi lagi. Us garib ladke ka pyaar sache pyaar ka prateek ban gaya hai. Dhanyawaad.

    जवाब देंहटाएं
  2. यहाँ ब्लॉगवुड अपना ब्लॉग दर्ज करवाएं। मुझे खुशी हो गई, शायद आपको भी।

    जवाब देंहटाएं
  3. बड़े लोग अक्‍सर कहा करते हैं, ध्‍यान से सुनो, इसे याद रखो...... बहुत ही बढ़िया 'वाक़िया' आज के इस अवसर पर आपने याद फर्माया. मेरे लिए भी यह अब ज़हनिशां बन चुका है. बल्‍िक, अपने ब्‍लाग के ज़रिये इसे और भी पाठकों के ज़हन में लाने का यत्‍न करूँगा. यदि वाक़ये में उद्धृत जैसे पात्र वैलेंटाइन डे मनायें तो कोई हर्ज नहीं होना चाहिए बल्‍कि यह दिवस ही ऐसे समर्पित प्रेमियों के लिए है.
    इन पर भौगोलिक सीमाएं और सामाजिक बन्‍धन लागू नहीं होते. बढ़िया. अच्‍छे वाकिये और अच्‍छी रचना के लिए बधाई !

    होमनिधि शर्मा

    जवाब देंहटाएं
  4. dil ko choo gayee aapkee kahanee .........bahut acchee lagee.....
    par sochatee hoo aabhooshan aur pyar inme sambandh ?

    जवाब देंहटाएं
  5. . और हर रविवार को अपना ख़ून भी बेचता रहा है। पर उसने पैसे कभी नहीं लिये। हमेशा बोलता था इसे अपने पास ही रखिये। एक ज़रूरी समान ख़रीदना है। अभी कल ही उसने सारे पैसे लिये थे। लगता है इसी गिफ़्ट को ख़रीदने के लिये वह पैसे जमा कर रहा था। लड़की उस ग़रीब लड़के को खोजने बाहर निकलती है पर वह बहुत दूर जा चुका होता है।सच है हमें तब तक किसी अच्छे मौक़े का इल्म नहीं होता जब तक वह हमारे हाथों से निकल नहीं जाता। आप मत निकल जाने दीजिए।
    Aapne sahi baat yaad dila dee..aankhen nam ho gayin..

    जवाब देंहटाएं
  6. कहानी बहुत अच्छी लगी..... दिल को छू गई...

    जवाब देंहटाएं
  7. सच है की वक्त निकल जाता है और हम हाथ मलते रह जाते हैं...बहुत अच्छी कहानी...

    जवाब देंहटाएं
  8. अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत............... !

    जवाब देंहटाएं
  9. कहानी हृदय द्रवित करनवाली है .दुनिया में यही होता है सच को उद्घाटित होने में इतनी देर लग जाती है कि बात को सुधारने का अवसर नहीं रहता.

    जवाब देंहटाएं

आपका मूल्यांकन – हमारा पथ-प्रदर्शक होंगा।