अंक-16 शिवस्वरोदयआचार्य परशुराम राय
प्रकटं प्राणसञ्चारं लक्ष्येद्देहमध्यतः।
इडापिङ्गलासुषुम्नाभिर्नाडीभिस्तिसृभिबुधः।।48।।
अन्वय – इडा-पिङ्गला-सुषु्म्नाभिः तिसृभिः नाडीभिः बुधः देहमध्यतः प्राणसञ्चारं प्रकटं लक्ष्येत्।
भावार्ध – इडा, पिङ्गला और सुषुम्ना तीनों नाड़ियों की सहायता से शरीर के मध्य भाग में प्राणों के संचार को प्रत्यक्ष करना चाहिए। यहाँ शरीर के मध्य के दो अर्थ निकलते हैं- पहला नाभि और दूसरा मेरुदण्ड।
Enlish Translation - Swara-Sadhakas should visualize Prana (energy) in the middle of their body with the help of three Nadis, i.e. Ida, Pingala and Shushumna. Here middile of the body means navel region and spinal column. Some Sadhaks consider it as navel region or Manipur Chakra and some all the five Chakra – Muladhar, Swadhishthan, Manipur, Anahat and Vishudhha, and further Ajnya and Sahasrar, where they make efforts to become one with the Pranas and thereafter beyond them towards pure consciousness.
इडा वामेव विज्ञेया पिङ्गला दक्षिणे स्मृता।
इडानाडीस्थिता वामा ततो व्यस्ता च पिङ्गला।।49।।
अन्वय – इडा नाड़ी वामे विज्ञेया पिङ्गला (च) दक्षिणे स्मृता। (अतएव) इडा वामा पिङ्गला ततो व्यस्ता (इति कथ्यते)।
भावार्थ – इडा नाडी बायीं ओर स्थित है तथा पिङ्गला दाहिनी ओर। अतएव इडा को वाम क्षेत्र और पिंगला को दक्षिण क्षेत्र कहा जाता है।
English Translation – Ida is located in the left side of our body and Pingala in the right side. Therefore, Ida is also known as left region and Pingala as right region.
इडायां तु स्थितश्चन्द्रः पिङ्गलायां च भास्करः।
सुषुम्ना शम्भुरूपेण शम्भुर्हंसस्वरूपतः।।50।।
अन्वय – चन्द्रः इडायां तु स्थितः भास्करः पिङ्गलायां च सुषुम्ना शम्भुरूपेण। शम्भु हंसस्वरूपतः।
भावार्थ – चंद्रमा इडा नाडी में स्थित है और सूर्य पिङ्गला नाडी में तथा सुषुम्ना स्वयं शिव-स्वरूप है। भगवान शिव का वह स्वरूप हंस कहलाता है, अर्थात् जहाँ शिव और शक्ति एक हो जाते हैं और श्वाँस अवरुद्घ हो जाती है। क्योंकि-
English Translation – The moon resides in Ida Nadi and the sun in Pingala Nadi. Sushumna is itself known as Lord Shiva. Lord Shiva is here called Hamsa, i.e. Prana Vayu flows through Sushumna in stead of Ida and Pingala and thereafter it gets related to the cosmic energy and a man can survive without taking breath.
हकारो निर्गमे प्रोक्त सकारेण प्रवेशणम्।
हकारः शिवरूपेण सकारः शक्तिरुच्यते।।51।।
अन्वय – (श्वासस्य) निर्गमे हकारः प्रोक्तः प्रवेशणं सकारेण (च)। हकारः शिवरूपेण सकारः शक्तिः उच्यते।
भावार्य - तंत्रशास्त्र और योगशास्त्र की मान्यता है कि जब हमारी श्वाँस बाहर निकलती है तो “हं” की ध्वनि निकलती है और जब श्वाँस अन्दर जाती है तो “सः (सो)” की। हं को शिव- स्वरूप माना जाता है और सः या सो को शक्ति-रूप।
English Translation – It is said in scriptures that when breath goes out it sounds like Ham and when it enters our body it sounds like Sah or So. Ham is known as Shiva and Sah or So as His Shakti.
शक्तिरूपस्थितश्चन्द्रो वामनाडीप्रवाहकः।
दक्षनाडीप्रवाहश्च शम्भुरूपो दिवाकरः।।52।।
अन्वय – वामनाडीप्रवाहकः चन्द्रः शक्तिरूपस्थितः दक्षनाडीप्रवाहः च दिवाकरः शम्भुरूपः।
भावार्थ - वायीं नासिका से प्रवाहित होने वाला स्वर चन्द्र कहलाता है और शक्ति का रूप माना जाता है। इसी प्रकार दाहिनी नासिका से प्रवाहित होने वाला स्वर सूर्य कहलाता है, जिसे शम्भु (शिव) का रूप माना जाता है।
English Translation – The breath, which runs through left nostril, is called the moon and also known as Shakti. And the breath, which runs through right nostril, is called the sun and also known as Shiva.
श्वासे सकारसंस्थे तु यद्दाने दीयते बुधैः।
तद्दानं जीवलोकेSस्मिन् कोटिकोटिगुणं भवेत्।।53।।
अन्वय – सकारसंस्थे तु बुधैः यद् दाने दीयते तद् दानं अस्मिन् जीवलोके कोटि-कोटिगुणं भवेत्।
भावार्थ – श्वास लेते समय विद्वान लोग जो दान देते हैं, वह दान इस संसार में कई करोड़गुना हो जाता है।
English Translation - Any donation given while breathing in is multiplied by crores, i.e. doner gets fruits worth crore times of what donates.
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं
जवाब देंहटाएंकाफी अच्छा प्रयास है ...सुंदर तरीके से प्राणों के बारे मैं समझाया है .....दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंअपने सभी पाठकों को इस पोस्ट पर आने तथा प्रतिक्रिया देकर प्रोत्साहित करने के लिए मैं सभी का आभारी हूँ।
जवाब देंहटाएंआपका महती कार्य ब्लाग जगत और साहित्य जगत के लिए धरोहर है। आपका यह कार्य हमेशा स्मरण किया जाएगा।
आज दीपावली है। प्रकाश पर्व। अज्ञान के अंधकार को हरने, उसे ज्ञान से प्रकाशित करने तथा रिद्धि -सिद्धि, सुख, सम्पत्ति से जीवन को आप्लावित करने की कामना का त्यौहार।
ईश्वर से कामना है कि यह दीपोत्सव आपके जीवन में सभी मनोकामनाएं पूर्ण करे।
ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामाएं।
जवाब देंहटाएंदीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
जवाब देंहटाएंVery informative post. Wish you a Happy Diwali
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को दीपावली पर्व की ढेरों मंगलकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंदीपक न सिर्फ़ अपने आसपास प्रकाश फैलाता है, बल्कि दूसरे दीपक को भी प्रकाशित करने में सहायक होता है।
जवाब देंहटाएंजोत से जोत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो!
बहुत अच्छी प्रस्तुति, राय जी!
जवाब देंहटाएंचिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
सभी पाठकों और ब्लाग-सहयोगियों को प्रकाश-पर्व दीपावली की मंगल-बेला में हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंmaza aagaya
जवाब देंहटाएंaap jaise vidawano ka swagat hai
http://blondmedia.blogspot.com/2010/11/blog-post.html
बहुत अच्छा पोस्ट। आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएं....
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