18 जुलाई-नेल्सन मंडेला दिवस
प्रवेश
यह हर किसी का कर्तव्य है कि वह दुनिया को बेहतर बनाए। दुनिया
को बेहतर बनाने की शुरुआत अपने समुदाय से होती है। अपने समुदायों में बदलाव लाने
के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस
मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को आधिकारिक तौर पर नवंबर 2009 में
घोषित किया गया था, तथा पहला संयुक्त राष्ट्र मंडेला दिवस 18 जुलाई 2010 को मनाया गया था। 18 जुलाई नेल्सन मंडेला का जन्मदिन है। यह दिवस विश्व में सकारात्मक प्रभाव डालने के
लिए मंडेला के मूल्यों और सिद्धांतों को दर्शाता है ।
मंडेला
का जीवन
नेल्सन रोलीहलाहला मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत के
म्वेज़ो नामक गांव में हुआ था। उनका निधन 5 दिसंबर, 2013 को जोहान्सबर्ग में हुआ था। मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत वकीलों
में से एक थे। 5 अगस्त 1962 को
उन्हें मजदूरों
को हड़ताल के लिये उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में गिरफ़्तार कर
लिया गया। उन पर मुकदमा चला और 12 जुलाई 1964 को
उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। लगभग 18 वर्ष मंडेला को केप टाउन के पास रॉबेन द्वीप जेल में रखा गया। इसके अलावा उन्हें पोल्समूर जेल और
विक्टर वर्स्टर जेल में भी रखा गया। 27 वर्षों तक जेल में रहने के बाद, नेल्सन मंडेला को 1990 में रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने अपने देश में
रंगभेद के खिलाफ अभियान चलाया। बहुसंख्यक होने के बावजूद उन्हें श्वेत
अल्पसंख्यकों से भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपना जीवन समानता और न्याय सुनिश्चित
करने और मानवता की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। रंगभेद विरोधी क्रांतिकारी के रूप में उनका
मिशन सभी
महिलाओं, पुरुषों और बच्चों
के लिए समानता और स्वतंत्रता स्थापित करना था। मंडेला का कहना था, "तोड़ना और नष्ट करना आसान है। नायक वे हैं जो
शांति और निर्माण करते हैं।" एक नायक की तरह मंडेला लिंग, राष्ट्रीयता या नस्ल की परवाह किए बिना सभी
मनुष्यों के मौलिक अधिकारों के लिए खड़े थे। रंगभेद विरोधी आंदोलन के मजबूत होने के साथ ही
वे उत्पीड़न का प्रतिरोध करने वाले व्यक्तित्व का एक शक्तिशाली प्रतीक बन गए। उनकी
विचारधारा अपमान के बजाय सम्मान चुनना, अन्याय के दौरान आवाज़ उठाना और घृणा के बजाय क्षमा करना
सिखाती है। सारे
संसार में वह सबसे महत्वपूर्ण अश्वेत नेता के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किए
जाने लगे। उनके इस संघर्ष के परिणामस्वरूप इस दमनकारी व्यवस्था का अंत हुआ और एक
लोकतांत्रिक दक्षिण अफ्रीका की स्थापना हुई। उनकी महान उपलब्धियों ने 20वीं सदी को बदल दिया और 21वीं सदी को आकार दिया। उन्होंने हर व्यक्ति की उचित गरिमा और समानता की
वकालत की, और सभी सीमाओं के
पार जुड़ाव और एकजुटता को प्रोत्साहित किया। मंडेला को शान्ति स्थापना, रंगभेद उन्मूलन, मानवाधिकारों की रक्षा और लैंगिक समानता की
स्थापना के लिये किये गये सतत प्रयासों के लिए उस समय के दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति एफडब्ल्यू डी क्लार्क के साथ 1993 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। 1994 से 1999 तक नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ़्रीका के पहले
अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में सेवारत रहे। भारत सरकार ने 1990 में उच्च आदर्शों के प्रतीक मंडेला को देश के
सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया था। मंडेला भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी नागरिक थे। ‘लॉन्ग वॉक टू फ़्रीडम’ नेल्सन मंडेला की आत्मकथा है। ‘द स्ट्रगल
इज़ माई लाइफ़’, और ‘द प्रिज़न लेटर्स ऑफ़ नेल्सन मंडेला’ उनकी लिखी अन्य पुस्तकें हैं।
मंडेला
दिवस 2024 की थीम
नेल्सन मंडेला दिवस 2024 की थीम 'गरीबी और असमानता से लड़ना अभी भी हमारे हाथ में
है' है। दुनिया में आज आर्थिक असमानताएं और सामाजिक
अन्याय व्याप्त हैं। नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024 सामुदायिक सेवा, सामाजिक न्याय, गरीबी और असमानता के खिलाफ लड़ाई
की शुरुआत और प्रचार करके नेल्सन मंडेला की विरासत का सम्मान करने के लिए समर्पित
है। मंडेला
दिवस अभियान संदेश लोगों को अपने समय के 67 मिनट किसी चुने हुए चैरिटी को सहयोग देने या
अपने स्थानीय समुदाय में सेवा करने के लिए उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
67 मिनट प्रतीकात्मक रूप से उन वर्षों की संख्या को
दर्शाते हैं जो मंडेला ने मानवाधिकारों और रंगभेद उन्मूलन के लिए लड़े थे। हम अपने
आस-पास जरूरतमंद लोगों की पहचान कर सकते हैं और उनके लिए कुछ बदलाव लाने के लिए 67
मिनट में जो भी कर सकते हैं, करें।
उपसंहार
आज असमानता, अन्याय और गरीबी को दूर करने के लिए निरंतर प्रयासों की अत्यधिक
आवश्यकता है। मंडेला ने कहा था, "स्वतंत्र
होना केवल अपनी जंजीरों को तोड़ना नहीं है, बल्कि इस तरह से जीना है जो दूसरों की
स्वतंत्रता का सम्मान करे और उसे बढ़ाए।" नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस सिर्फ़ एक
जयंती नहीं है, बल्कि यह एक महान
उद्देश्य के लिए एक वैश्विक आंदोलन है। वर्षों से मंडेला के जीवन के विभिन्न
पहलुओं ने लोगों को समुदायों की बेहतरी के लिए पहल करने के लिए प्रेरित किया है। सामुदायिक
सेवा परियोजनाओं से लेकर शैक्षिक कार्यक्रमों और पर्यावरण संबंधी अनेक ऐसे क्षेत्र
हैं जिससे अनगिनत लोगों के जीवन में बदलाव आ सकता है। जिन उद्देश्यों की प्राप्ति
के लिए नेल्सन मंडेला अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहे, उस दिशा में हममें से हर कोई सकारात्मक
प्रयास करने की क्षमता रखता है। अगर हम उनकी 67 साल की सार्वजनिक सेवा का सम्मान करना चाहते हैं, तो आइए आज के दिन हम उनके मूल्यों को बढ़ावा देने और दुनिया को एक बेहतर जगह
बनाने की दिशा में सकारात्मक पहल करने का संकल्प लें। न्याय, समानता और सुलह के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की एक
छोटी सी पहल और एक छोटा सा कदम भी सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में किया गया
एक महत्त्वपूर्ण प्रयास होगा।
*** *** ***
मनोज कुमार
soochnaprad lekh. niyamit rahiye manoj ji.
जवाब देंहटाएं