शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

ओलम्पिक खेलों में भारत

 

ओलम्पिक खेलों में भारत

फ़्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त,  2024 तक ओलंपिक खेलों का आयोजन हो रहा है। इनमें 32 खेलों की 329 स्पर्धाओं का आयोजन किया जाना है। भारत के 120 एथलीट्स अलग-अलग खेलों में मेडल के लिए भाग ले रहे हैं। भारत ने सबसे पहले 1900 के पेरिस ओलम्पिक में भाग लिया था। साल 1900 के संस्करण से लेकर अब तक भारत ने 24 ओलंपिक खेल में 35 पदक जीते हैं। आइए भारत की पदक उपलब्धियों पर एक नज़र डालें।

पेरिस 1900

भारत ने अपने पहले ओलंपिक खेल में हिस्सा लेते हुए दो पदकों के साथ अभियान की शुरुआत की थी। साल 1900 में नॉर्मन प्रिचर्ड ने पुरुषों की 200 मीटर बाधा दौड़ (हर्डल रेस) प्रतियोगिता में देश को पहला पदक (आज़ादी से पहले) रजत पदक दिलाया था। नॉर्मन प्रिचर्ड ने पेरिस 1900 ओलंपिक खेल में ही पुरुषों के 200 मीटर दौड़ में रजत पदक हासिल कर दूसरा ओलंपिक पदक भारत दिलाया था।

एम्स्टर्डम 1928

एम्स्टर्डम 1928 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने नीदरलैंड को हरा कर स्वर्ण पदक जीत कर भारत को तीसरा ओलंपिक पदक दिलाया। इस प्रतियोगिता में ध्यानचंद ने कुल 14 गोल किए थे जिनमें नीदरलैंड के खिलाफ फाइनल में हैटट्रिक भी शामिल था।

लॉस एंजिल्स 1932

1932 के लॉस एंजिल्स खेलों में भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीत कर भारत को चौथा ओलंपिक पदक दिलाया था। इस प्रतियोगिया में भारत के अलावा सिर्फ दो टीमें, अमेरिका और रूस ने भाग लिया था। भारत ने फाइनल में अमेरिका को 24-1 से हराया था।

बर्लिन 1936

बर्लिन 1936 के खेलों में भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीत कर  भारत को पांचवां ओलंपिक पदक दिलाया था।

लंदन 1948

लंदन 1948 में भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीत कर  भारत को छठा ओलंपिक पदक दिलाया था। यह आज़ादी के बाद का पहला पदक था।

हेलसिंकी 1952

हेलसिंकी 1952 के खेलों में भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीत कर  भारत को सातवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। इसी प्रतियोगिता में केडी जाधव ने पुरुष बैंटमवेट कुश्ती में कांस्य पदक जीत कर  भारत को आठवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था।

मेलबर्न 1956

मेलबर्न 1956 के खेलों में भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीत कर  भारत को नौवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। भारतीय हॉकी टीम ने लगातार छठा स्वर्ण पदक जीतकर एक अटूट रिकॉर्ड बना दिया। भारतीय टीम के कप्तान बलबीर सिंह सीनियर दाएं हाथ में फ्रैक्चर के बावजूद खेले। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पाकिस्तान को 1-0 से हराया था।

रोम 1960

रोम 1960 के खेलों में भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने रजत पदक जीत कर  भारत को दसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। भारत का स्वर्ण पदक जीतने का सिलसिला  खत्म हुआ और फाइनल मैच में पाकिस्तान से भारत 1-0 से हार गया।

टोक्यो 1964

टोक्यो 1964 की प्रतियोगिता में एक बार फिर भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक जीता और भारत को ग्यारहवाँ ओलंपिक पदक दिलाया।

मेक्सिको सिटी 1968

मेक्सिको सिटी 1968 ओलम्पिक में भारतीय हॉकी पुरुष टीम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा जो भारत का बारहवाँ ओलंपिक पदक था। यह पहली बार था जब भारत ओलंपिक खेल में शीर्ष दो में जगह बनाने में असफल रहा।

म्यूनिख 1972

म्यूनिख 1972 में भारतीय हॉकी पुरुष टीम को एक बार फिर कांस्य पदक मिला जो भारत का तेरहवाँ ओलंपिक पदक था। सेमी-फाइनल मैच में भारतीय टीम पाकिस्तान से 2-0 से हार गईं। नीदरलैंड्स को 2-1 से हराकर भारत ने कांस्य पदक जीता।

मास्को 1980

मास्को 1980 के खेलों में, मॉन्ट्रियल 1976 में 7वें स्थान पर रही भारतीय हॉकी पुरुष टीम एक बार फिर से स्वर्ण पदक जीती जो भारत का चौदहवाँ ओलंपिक पदक था। ओलंपिक खेल की हॉकी प्रतियोगिता में भारत का यह आखिरी हॉकी स्वर्ण पदक था। भारत 1984, 88 और 92 की प्रतियोगिताओं में लगातार तीन संस्करणों में एक भी पदक जीतने में असफल रहा।

अटलांटा 1996

अटलांटा 1996 के खेलों में पुरुष एकल टेनिस में लिएंडर पेस ने कांस्य पदक जीतकर भारत को पन्द्रहवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था।

सिडनी 2000

सिडनी 2000 की प्रतियोगिता में कर्णम मल्लेश्वरी ने  महिलाओं के 54 किग्रा भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतकर भारत को सोलहवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था।

एथेंस 2004

एथेंस 2004 में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने पुरुष डबल ट्रैप शूटिंग, रजत पदक जीतकर भारत को सत्रहवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। वह ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले निशानेबाज थे।

बीजिंग 2008

बीजिंग 2008 के खेलों में अभिनव बिंद्रा ने पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को अठारहवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। ओलंपिक खेल में यह भारत का  पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक था। बीजिंग 2008 में ही विजेंदर सिंह ने पुरुषों के मिडिलवेट बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीतकर भारत को उन्नीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। वह पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज हैं। बीजिंग 2008 में ही सुशील कुमार ने पुरुषों के 66 किग्रा कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत को बीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। यह कुश्ती में भारत का पहला ओलंपिक पदक था।

लंदन 2012

लंदन 2012 के खेलों में गगन नारंग, ने पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में कांस्य पदक जीतकर भारत को इक्कीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। लंदन 2012 में सुशील कुमार ने पुरुषों के 66 किग्रा वर्ग में कुश्ती का रजत पदक जीतकर भारत को बाईसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। वह भारत के एकमात्र एथलीट हैं, जिन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में दो बार ओलंपिक पदक जीता है। लंदन 2012 में ही विजय कुमार ने पुरुषों के 25 मीटर रैपिड पिस्टल शूटिंग प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर भारत को तेईसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। लंदन 2012 की प्रतियोगिता में तीसरा पदक मैरी कॉम की तरफ से आया था।  मैरी कॉम ने महिलाओं के फ्लाईवेट बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीतकर भारत को चौबीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। इसी ओलम्पिक में योगेश्वर दत्त ने पुरुषों के 60 किग्रा कुश्ती कांस्य पदक जीतकर भारत को पच्चीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। लंदन 2012 में साइना नेहवाल ने महिला एकल बैडमिंटन कांस्य पदक जीतकर भारत को छब्बीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था।

रियो 2016

अगले ओलम्पिक   रियो 2016 में पीवी सिंधु ने पदक का रंग बदला और  महिला एकल बैडमिंटन में रजत पदक जीतकर भारत को सत्ताइसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था। रियो 2016 में दूसरा पदक साक्षी मलिक की तरफ से आया था। उन्होंने महिलाओं की 58 किग्रा कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत को अट्ठाइसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया था।

टोक्यो 2020

टोक्यो 2020 में भारत ने अब तक के सबसे ज़्यादा सात पदक जीता। मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर भारत को उनतीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया। अपना पहला ओलंपिक खेल रहीं लवलीना बोरगोहेन ने महिलाओं के वेल्टरवेट (64-69 किग्रा) में कांस्य पदक जीतकर भारत को तीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया। पीवी सिंधु ने महिला एकल बैडमिंटन में कांस्य पदक जीतकर भारत को एकतीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया। वह दो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला और सुशील कुमार के बाद दूसरी भारतीय हैं। रवि कुमार दहिया ने पुरुषों के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल में रजत पदक जीतकर भारत को बत्तीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर भारत को तैंतीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया। 41 साल के इंतजार के बाद भारतीय हॉकी टीम को यह ओलंपिक मेडल मिला था। 1968 और 1972 के ओलंपिक खेल के बाद हॉकी में यह भारत का तीसरा ओलंपिक कांस्य पदक है और कुल मिलाकर यह 12वां ओलंपिक पदक है। बजरंग पुनिया ने पुरुषों के 65 किग्रा कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत को चौंतीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया। अपने पहले ओलंपिक में खेलते हुए पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं। नीरज चोपड़ा ने पुरुषों के भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर भारत को पैंतीसवाँ ओलंपिक पदक दिलाया। अभिनव बिंद्रा के बाद नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत स्पर्धाओं में ये भारत का दूसरा गोल्ड मेडल था। भारत के लिए पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक शूटिंग में अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में हासिल किया था।

ओलम्पिक के इतिहास में हॉकी को छोड़कर, हम किसी भी खेल में दमदार उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाएं हैं। ओलम्पिक में भारतीय राष्ट्रीय पुरुष हॉकी टीम का इतिहास शानदार रहा है, टीम इंडिया ने साल 1928 से लेकर 1956 तक लगातार 6 गोल्ड मेडल जीते, इसके बाद टीम ने 2 और स्वर्ण पदक अपने नाम किए। 1980 मास्को ओलम्पिक के बाद से हॉकी में भी स्वर्ण जीतना इतिहास की बात रह गयी है। टोक्यो 2020 में, पुरुष हॉकी टीम ने प्लेऑफ में जर्मनी के ख़िलाफ़ रोमांचक जीत के बाद कांस्य पदक जीता था। इसी के साथ भारत ने अपने 41 साल के ओलंपिक पदक के सूखे को समाप्त किया। आशा है कि इस बार तस्वीर बदले और हम एक बार फिर से अपने खोए हुए गौरव को पा सकें। जहां तक दूसरे खेलों में भारत के प्रदर्शन की बात है तो भले ही हमें एक्का-दुक्का खेलों में पदक मिलते रहें हों, लेकिन दबदबा कायम कर सकने वाली स्थिति से हम कोसों दूर हैं। ओलम्पिक संघों और खेल मंत्रालय को इस पर गंभीर चिंतन करना चाहिए।

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मनोज कुमार

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