20 जुलाई - मनुष्य जब चंद्रमा पर चला
आज 20 जुलाई है। आज के ही दिन 1969 में मनुष्य पहली बार चाँद
पर चला था। चाँद पर सबसे पहली बार चलने वाला वह खुशनसीब इंसान था, 38 साल का अमरीकी अंतरिक्ष
यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग। 20 जुलाई को उनका अंतरिक्ष यान चंद्रमा की
सतह पर उतरा। यह अपोलो 11 मिशन की शानदार कामयाबी थी। अपोलो 11 का प्राथमिक उद्देश्य
राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी द्वारा 25 मई, 1961 को निर्धारित राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा
करना था: चालक दल के साथ चन्द्रमा पर उतरना और पृथ्वी पर वापस आना। अपोलो मिशन से
क़रीब 4 लाख लोग जुड़े हुए थे। चांद पर उतरने वाले लूनर
लैंडर में नील आर्मस्ट्रॉन्ग के अलावा बज़ एल्ड्रिन भी थे। 36 साल के चार्ल्स ड्यूक
चांद पर चहलक़दमी करने वाले सबसे युवा अंतरिक्ष यात्री हैं जबकि 47 वर्ष के एलन शेपर्ड सबसे उम्र दराज़ इंसान थे। अब तक 12 इंसान चाँद पर
चहलकदमी कर चुके हैं।
16 जुलाई, 1969 को अंतरिक्ष यान अपोलो 11 तीन अंतरिक्ष यात्री नील
आर्मस्ट्रांग, बज़ एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स के दल को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी के साथ
अंतरिक्ष की उड़ान पर चल पड़ा। फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से इस यान का
प्रक्षेपण हुआ था। ठीक चार दिन बाद , अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह के निकट
पहुंच गया। कोलिन्स अपोलो 11 के कमांड मॉड्यूल कोलंबिया में सवार थे। उन्हें चाँद की कक्षा में
रहना था। आर्मस्ट्रांग और एल्ड्रिन
चंद्र मॉड्यूल ईगल में सवार थे और उन्हें चाँद की सतह पर
उतरना था। ईगल ने चांद के उथले गड्ढे में जोखिम भरा
लैंडिंग किया, जिसे ‘सी ऑफ ट्रांक्विलिटी’ कहा जाता है। इस समय ईगल के पास सिर्फ़ 20 सेकंड का लैंडिंग ईंधन
बचा था। मिशन कमांडर के तौर पर आर्मस्ट्रांग सबसे पहले बाहर निकले... और चांद पर
जाने वाले पहले व्यक्ति बन गए। मानव इतिहास की यह सबसे बड़ी तकनीकी उपलब्धि थी। जब चाँद पर चले तो नील
ने कहा था, कि “ये इंसान का एक छोटा सा क़दम है और मानवता की लंबी छलांग है।” बीस मिनट बाद, बज एल्ड्रिन सीढ़ी से नीचे
उतरे और अपने साथी के साथ शामिल हो गए। चांद पर उतरने वाले दूसरे इंसान एडविन बज़
एल्ड्रिन ने कहा था, “शानदार वीरानगी।” दोनों ने सतह पर संयुक्त
राज्य अमेरिका का झंडा लगाया। दो घंटे से ज़्यादा समय बिताने के बाद, अंतरिक्ष यात्री
आर्मस्ट्रांग और एल्ड्रिन 47 पाउंड वजन (चाँद की चट्टानों और धूल के
नमूने) के साथ वापस चंद्र मॉड्यूल पर आए और कोलिन्स से जुड़ने के लिए तैयार हो गए। अपोलो 11 24 जुलाई, 1969 को पृथ्वी पर वापस लौटा। दोनों ने चन्द्रमा पर 21
घंटे और 36 मिनट बिताए।
1969 में ही चाँद पर चलने वाले तीसरे
शख़्स अपोलो 12 मिशन के कमांडर चार्ल्स पीट कोनराड ने कहा था...”ग़ज़ब! भले ही नील के लिए
वह छोटा क़दम था, लेकिन मेरे लिए तो बहुत लंबी छलांग है।” एलन एल. बीन अपोलो 12 के
दूसरे सदस्य चाँद पर चलने वाले चौथे व्यक्ति थे। एलन बी. शेपर्ड अपोलो 14 मिशन के
कमांडर थे। चाँद पर चलने वाले वे पांचवें व्यक्ति थे। एडगर डी. मिशेल चाँद पर चलने वाले
छठे व्यक्ति थे। 1971 में अपोलो 15 मिशन के कंमाडर डेविड आर. स्कॉट चाँद पर चलने
वाले सातवें व्यक्ति थे। इस मिशन के पायलट जेम्स बी. इरविन चाँद पर चलने वाले
आठवें व्यक्ति थे। 1972 में अपोलो 16 मिशन के जौन डब्ल्यू यंग चाँद पर चलने वाले
नौवें व्यक्ति थे। इसी मिशन के चार्ल्स एम. ड्यूक चाँद पर चलने वाले दसवें व्यक्ति
थे। अपोलो 17 मिशन के कमांडर यूजीन ई. सेर्नन चाँद पर चलने वाले ग्यारहवें व्यक्ति
थे। इसी मिशन के हैरिसन एच. श्मिट चाँद पर चलने वाले बारहवें और अंतिम व्यक्ति हैं।
अमेरिका के चाँद पर चलने वाले चार सदस्य अभी भी जीवित हैं: एल्ड्रिन (अपोलो 11), डेविड स्कॉट (अपोलो 15), चार्ल्स ड्यूक (अपोलो 16) और हैरिसन श्मिट (अपोलो 17)।
अपोलो मिशन ने मानव द्वारा तकनीकी विकास
के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ को चिह्नित किया। यह दुनिया भर के लोगों के लिए
एक प्रेरणा थी और यह दिखाया कि मनुष्य अंतरिक्ष में असंभव कुछ भी हासिल कर सकता
है।
*** *** ***
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
आपका मूल्यांकन – हमारा पथ-प्रदर्शक होंगा।